कहता है मेरा मन
कहता है जहान कि तेरा कोई किनारा नहीं तेरे अंदर न कोई ज्वलंत रोशनी है, इस…
कहता है जहान कि तेरा कोई किनारा नहीं तेरे अंदर न कोई ज्वलंत रोशनी है, इस…
मजनू के जाने पर लैला के दिल का आलम कुछ इस तरह बयां होता है कि सूनी राहों पे चलते – चलते वो अपने आप से कहती है… धुंधली-सी उसकी तस्वीर ही तो बस अपनी थी, मिट गयी वो भी जैसे ही आँखें झपकी थी |…..
लकड़ी की उस टूटी चौखट से सर्दी की धुँधली-सी ओस से मैने उजला सूरज देखा जब…
न जाने रंगों का क्या महत्त्व है… रंग जैसे ज़िन्दगी का एहसास है, या फ़िर उम्र…
संग तुम्हारे जो लम्हे जिये यादों में बस उनको रखना होगा तुम बिन…
हर रास्ता तुझ तक लेके आ रहा फिर भी तू न मिले कभी । धूप है हर मोड़ पर बिखरी छाँव का कोई ठिकाना नहीं । ऐ शाम ए मुसाफिर रोशनी संग लाना मेरे अंधेरो से बेफिक्र हैं बाकी सभी । अलक राग अपने सुरों का बरसाना कि मेरा सूनापन मिट जाए तभी ।….
है कुछ रहस्य इस आलौकिक प्रकृति में रचना में इसकी किसी की अद्भुत काया है। जोड़ूँ…
आया ये जो नया वर्ष, साथ लाया है नयी उमंगें और हर्ष | आज है एक नया सुर्योदय, आया है एक नया…
दिखाए रास्तों पर मैं चलती रहती करती वही जो मुझसे दुनिया कहती । रुक गयी अचानक एक ख़्वाब जीने को कुछ अधूरी तलाश पूरी करने को । न समझा कोई जिससे थी उम्मीद लगाई मेरी लिखाई किसी को समझ में न आई।….
दुनिया रुपी सागर में बसा है कैसा धमचक्र न कोई आहट है न हलचल, बस चल रहा है जीवन चक्र | सिंधु की अकर्मण्यता को माना ढकता है प्रतिबिम्बित नूर पर अस्थिरता राहत का नहीं तूफ़ान का संकेत है ज़रूर | हर व्यक्ति घिरा है निरर्थक एक मायावी जाल में,….