Poems in Hindi

तू न मिले कभी

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हर रास्ता तुझ तक लेके आ रहा फिर भी तू न मिले कभी । धूप है हर मोड़ पर बिखरी छाँव का कोई ठिकाना नहीं । ऐ शाम ए मुसाफिर रोशनी संग लाना मेरे अंधेरो से बेफिक्र हैं बाकी सभी । अलक राग अपने सुरों का बरसाना कि मेरा सूनापन मिट जाए तभी ।….

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तलाश

दिखाए रास्तों पर मैं चलती रहती करती वही जो मुझसे दुनिया कहती । रुक गयी अचानक एक ख़्वाब जीने को कुछ अधूरी तलाश पूरी करने को । न समझा कोई जिससे थी उम्मीद लगाई मेरी लिखाई किसी को समझ में न आई।….

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सागर

दुनिया रुपी सागर में बसा है कैसा धमचक्र न कोई आहट है न हलचल, बस चल रहा है जीवन चक्र | सिंधु की अकर्मण्यता को माना ढकता है प्रतिबिम्बित नूर पर अस्थिरता राहत का नहीं तूफ़ान का संकेत है ज़रूर | हर व्यक्ति घिरा है निरर्थक एक मायावी जाल में,….

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