हर रास्ता तुझ तक लेके आ रहा फिर भी तू न मिले कभी । धूप है हर मोड़ पर बिखरी छाँव का कोई ठिकाना नहीं । ऐ शाम ए मुसाफिर रोशनी संग लाना मेरे अंधेरो से बेफिक्र हैं बाकी सभी । अलक राग अपने सुरों का बरसाना कि मेरा सूनापन मिट जाए तभी ।….
प्रकृति
है कुछ रहस्य इस आलौकिक प्रकृति में रचना में इसकी किसी की अद्भुत काया है। जोड़ूँ…
नया वर्ष
आया ये जो नया वर्ष, साथ लाया है नयी उमंगें और हर्ष | आज है एक नया सुर्योदय, आया है एक नया…
तलाश
दिखाए रास्तों पर मैं चलती रहती करती वही जो मुझसे दुनिया कहती । रुक गयी अचानक एक ख़्वाब जीने को कुछ अधूरी तलाश पूरी करने को । न समझा कोई जिससे थी उम्मीद लगाई मेरी लिखाई किसी को समझ में न आई।….
सागर
दुनिया रुपी सागर में बसा है कैसा धमचक्र न कोई आहट है न हलचल, बस चल रहा है जीवन चक्र | सिंधु की अकर्मण्यता को माना ढकता है प्रतिबिम्बित नूर पर अस्थिरता राहत का नहीं तूफ़ान का संकेत है ज़रूर | हर व्यक्ति घिरा है निरर्थक एक मायावी जाल में,….
बेखबर
एक दिन जब व्याकुल हुआ मन, सोचा, आराम से बैठकर सोचूँ और खोजूँ कारण | विचलित…
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