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Poems in Hindi

सारथी

सारथी

तू सारथी इस जीवन रथ का कदम तुझी को बढ़ाना है | उठ चल, न छोड़ हिम्मत को, तू खुद ही तेरा सहारा है | तू पंछी अपने गगन का किसके लिए तू बैठा है ? उड़ चल, न बाँध तू खुद को, आसमा ही तेरा आशियाना है | तू पानी अपनी नदी का किसके लिए तू ठहरा है ?….

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