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Poems

तलाश

तलाश

दिखाए रास्तों पर मैं चलती रहती करती वही जो मुझसे दुनिया कहती । रुक गयी अचानक एक ख़्वाब जीने को कुछ अधूरी तलाश पूरी करने को । न समझा कोई जिससे थी उम्मीद लगाई मेरी लिखाई किसी को समझ में न आई।….

सागर

सागर

दुनिया रुपी सागर में बसा है कैसा धमचक्र न कोई आहट है न हलचल, बस चल रहा है जीवन चक्र | सिंधु की अकर्मण्यता को माना ढकता है प्रतिबिम्बित नूर पर अस्थिरता राहत का नहीं तूफ़ान का संकेत है ज़रूर | हर व्यक्ति घिरा है निरर्थक एक मायावी जाल में,….

सारथी

सारथी

तू सारथी इस जीवन रथ का कदम तुझी को बढ़ाना है | उठ चल, न छोड़ हिम्मत को, तू खुद ही तेरा सहारा है | तू पंछी अपने गगन का किसके लिए तू बैठा है ? उड़ चल, न बाँध तू खुद को, आसमा ही तेरा आशियाना है | तू पानी अपनी नदी का किसके लिए तू ठहरा है ?….

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