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Poems

तू न मिले कभी

तू न मिले कभी

हर रास्ता तुझ तक लेके आ रहा फिर भी तू न मिले कभी । धूप है हर मोड़ पर बिखरी छाँव का कोई ठिकाना नहीं । ऐ शाम ए मुसाफिर रोशनी संग लाना मेरे अंधेरो से बेफिक्र हैं बाकी सभी । अलक राग अपने सुरों का बरसाना कि मेरा सूनापन मिट जाए तभी ।….

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