रंग
न जाने रंगों का क्या महत्त्व है…
रंग जैसे ज़िन्दगी का एहसास है,
या फ़िर उम्र भर की प्यास है,
कुछ मेरी कला का आधार है,
या फ़िर बस नज़रिये का अंजाम है |
न जाने रंगों का क्या महत्त्व है…
कभी ये होली मनाने का आगाज़ है,
या प्रेम जताने का अंदाज़ है,
कभी ये तस्वीर बनाने का सामान है,
या फ़िर बस एकांत में कागज़ पर भरने का काम है |
न जाने रंगों का क्या महत्त्व है…
कभी ये बस मन की रंगीन कल्पना है
या सच में रचित सुदृढ़ अल्पना है,
जब सीमाओं में हो तो सुन्दर रंगोली है,
जब बेबाक हो तो मनचली होली है |
न जाने रंगों का क्या महत्त्व है…
रंग मेरी-तेरी भौगोलिक पहचान है,
उससे पैदा होने वाला अंतर है,
या फ़िर ये दिलों के बीच का बाँध है,
क्योंकि सब चेहरों पर लगा एक-सा गुलाल है |
रंग ही तो है,पर गुलाल का नहीं,
सुख-दुःख के विभिन्न रूपों का मेला है,
क्यों हो सिर्फ एक रंग, एक रूप,
जब व्यापक इस ज़िन्दगी की कला है |
इस सूने, कोरे आसमान में घनेरे,
आओ मिलकर प्यार के रंग बिखेरे,
इस दुनिया को रंगों से आज सजाएं,
रोज़ाना ही आओ हम होली का त्योहार मनाएं |