मेरे देस कि मिट्टी
मेरे देस कि मिट्टी है कुछ ऐसी
प्यार कि खुशबू उड़ाती जैसी
यहाँ रंग अनेकों हैं बिखरे
धूप-छाँव सब मौसम निखरे ।
पंछी यहाँ डाल-डाल पे थिरके
मोर भी निकले नाचते गाते
नदियाँ, झरने, पहाड़ और समंदर
पूरी दुनिया है समाई मेरे देस के अंदर ।
मेरे देस कि मिट्टी है कुछ ऐसी
प्यार कि खुशबू उड़ाती जैसी
यहाँ सब लोग प्यार से रहते
हर त्योहार पे नाचते गाते ।
प्रगति में भी हम सबसे आगे
शिक्षा का परचम गाँव-गाँव में लहराते
फ़िर भी भावनाओं को दिल में हम रखते हैं
इसलिए दिल से बात करने वाले को भारतीय कहते हैं ।
मेरे देस कि मिट्टी है कुछ ऐसी
प्यार कि खुशबू उड़ाती जैसी
मेरे देस कि मिट्टी है कुछ ऐसी
प्यार कि खुशबू उड़ाती जैसी ।