जानेमन
बात-बात पे नौक- झौक जो अक्सर करते हैं वो अक्सर करते हैं वो चुपके-चुपके एक दूजे की फ़िक्र किया करते हैं। नज़र न लग जाये कहीं उनकी मोहब्बत को
मुस्कुरा दिया मन मेरा और सुकून भरा जवाब दिल से दिया जब पूछा कुछ लोगों ने “आख़िर तूने ज़िन्दगी में क्या किया?” कभी पीछे मुड़कर देख लेना अच्छा है, एक
यूँ तो अंधेरे से कोई बैर नहीं पर आकाश की गगरी से छलकती सुनहरी धूप की बारिश में गीला होना
अच्छा लगता है। मन की व्याकुलता स्वभाविक है फिर भी
A short motivational poem on love. About a woman who had forsaken it for a higher purpose in life. So now what happens, when sometimes she recalls her lover.
A short motivational poem on love. Specially meant for the ones whose first love could not last forever. The feeling of love can connect you with everyone and everything because it is not just limited to your partner. It is a genuine feeling which you can find pervading through every soul.
Best poems on rain in Hindi आसमान की बेला पर चंचल मौसम मुसकाए, बादल गरजे, बिजली तरजे, ठंडी हवा बहती जाये | अनंत राग जब प्रकृति का लाकर, हवा गीली मिट्टी की खुशबू संग लाये, नाचती-गाती इस घाटी मे क्या अद्भुत हरयाली छाए | रंग बिरंगे फ़ूल पेड़ों पर खिले, खेत नयी फसले उपजाए | नदिया भी नाचती … Continue reading “बारिश”
कहता है जहान कि तेरा कोई किनारा नहीं तेरे अंदर न कोई ज्वलंत रोशनी है, इस गरदिश का तू सितारा नहीं | कहता है हमदर्द कि तेरा साथ गवारा नहीं, तेरी आग कहीं मुझे जला न दे, मैं तेरा परवाना नहीं | कहता है परिवार कि तू हमारा नहीं, तालीम के ख़िलाफ़ बेपरवाह … Continue reading “कहता है मेरा मन”
मजनू के जाने पर लैला के दिल का आलम कुछ इस तरह बयां होता है कि सूनी राहों पे चलते – चलते वो अपने आप से कहती है… धुंधली-सी उसकी तस्वीर ही तो बस अपनी थी, मिट गयी वो भी जैसे ही आँखें झपकी थी |…..
लकड़ी की उस टूटी चौखट से सर्दी की धुँधली-सी ओस से मैने उजला सूरज देखा जब तो पता चला मैं कौन हूँ ।। वो लोगो की बासी सोच से और बॉस की गाली गलौच से मैं करीबी दोस्त से मिली जब तो पता चला मैं कौन हूँ ।। अधूरे काम की थकान से वो भूली-सी … Continue reading “मैं कौन हूँ”